Homoeopathy in Hindi: ये 2 किताबें काफी हैं

हैनिमन कैफे की एक पोस्ट होम्योपैथी की किताबों पर है – होम्योपैथी को समझना चाहते हैं तो ये 2 किताबें जरूर पढ़ें. इस पोस्ट को काफी लोगों ने पसंद किया और फिर पूछा है कि हिंदी में कौन सी किताबें पढ़नी चाहिये.
कौन सी किताबें पढ़नी चाहिये?

ये तो पूरी तरह पढ़ने वाले के विवेक पर निर्भर करता है कि वो कौन सी किताबें पसंद करता है. वो होम्योपैथी के समग्र स्वरूप के बारे में पढ़ना चाहता है या उसे किसी खास टॉपिक के बारे में पढ़ना है.
बहरहाल, यहां हम सिर्फ दो किताबों का जिक्र करेंगे. ये दोनों ही किताबें होम्योपैथी के फंडामेंटल को समझाती हैं और प्रामाणिक ग्रंथ भी हैं. इनमें से एक तो खुद होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. सैमुअल हैनिमन ने लिखा है – और दूसरी होम्योपैथी के अपने जमाने के बहुत बड़े एक्सपर्ट एच सी एलन ने.

ऑर्गेनन ऑफ मेडिसिन [Organon of Medicine]

ये महज एक किताब नहीं बल्कि होम्योपैथी का पूरा दर्शन है. इसमें डॉ. हैनिमन ने होम्योपैथी और एलोपैथी की तुलनात्मक विवेचना के साथ साथ बताया गया है कि रोग के मूल कारणों की खोज कैसे की जाये. एक चैप्टर का तो टाइटल ही है – ‘रोग के लक्षण स्वयं बोलते हैं’ और ये भी कि ‘रोग के नष्ट होने पर रोगी को पूर्ण स्वस्थ होना चाहिये’.

कौन सी दवा किस पोटेंसी में दी जानी चाहिये और किसी भी दवा का सेवन किस तरह और कब तक किया जाना चाहिये?

एलन्स कीनोट्स [Allen’s Keynotes]

बुक स्टाल पर आपको फेमिली गाइड से लेकर होम्योपैथिक पॉकेट बुक्स तक बहुतेरी किताबें मिल जाएंगी. अगर आपने उन किताबों को पढ़ रखा है तो एलन कीनोट्स का अध्ययन अटपटा लग सकता है. इसकी वजह ये है कि उन तमाम किताबों में बीमारियों के हिसाब से इलाज के लिए दवाएं बताई गयी हैं, लेकिन इस किताब में दवाओं के हिसाब से बीमारियों का जिक्र है.

दरअसल, होम्योपैथी की मैटेरिया मेडिका में भी यही तरीका अपनाया गया है और इसकी एक ही वजह है – होम्योपैथी का सिद्धांत. होम्योपैथी में किसी बीमारी का नहीं बल्कि बीमार व्यक्ति का इलाज किया जाता है.
होम्योपैथी के मूल सिद्धांत के अनुसार किसी भी मरीज के लिए सिर्फ एक ही दवा चुनी जानी चाहिये, लेकिन आर्दश स्थिति तो रेयर ही होती है इसलिए सपोर्ट के लिए अलग पोटेंसी में दूसरी होम्योपैथिक दवा या बॉयोकेमिक मेडिसिन की सलाह दी जाती है.
एलन की नोट्स के बारे में डॉक्टर भी मानते हैं कि होम्योपैथी की सत्तर फीसदी जानकारी इस छोटी सी किताब से मिल सकती है.
ये किताबें हिंदी में तो हैं लेकिन इनकी भाषा बहुत कठिन है. जैसे हैनिमन कैफे पर आपको जो कुछ भी पढ़ने को मिलता है वो आम बोलचाल की भाषा होती है, लेकिन इन किताबों को पढ़ते वक्त समझने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है, लेकिन नामुमकिन तो हरगिज नहीं.

चेतावनी/CAUTION: कृपया योग्य डॉक्टर की सलाह के बगैर कोई दवा न लें. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
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